
गुरुग्राम की उभरती टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की गोली मारकर हत्या – और वो भी किसी गैंगस्टर ने नहीं, बल्कि उसके अपने पिता दीपक यादव ने की।
हत्या के बाद जब ताऊ विजय यादव ऊपर पहुंचे तो दीपक रोता हुआ मिला और बोला, “भाई, कन्या वध हो गया।” इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, बेटी खून से लथपथ फर्श पर पड़ी थी और बगल में पड़ी थी – पिता की लाइसेंसी रिवॉल्वर।
मिया ये नखलऊ है! यहाँ कभी लाइट नहीं जाती- हाँ बत्ती रोज गायब रहती है
टेनिस की कोचिंग बनी ‘ट्रिगर’, बेटी की सफलता से दुखी था पिता
पुलिस पूछताछ में दीपक यादव ने कबूल किया कि बेटी की बढ़ती शोहरत, सोशल मीडिया एक्टिविटी और म्यूजिक वीडियो में काम करना – ये सब उसे नागवार गुजरता था।
वो राधिका के टेनिस ट्रेनिंग देने को लेकर पहले ही खफा था, क्योंकि अकादमी किसी और की थी, बेटी बस कोचिंग देती थी।
मज़ेदार नहीं, बल्कि विडंबना है कि बेटी की सफलता को पिता ने ‘अपमान’ समझा और बेटी को ही खत्म कर दिया।
“खुद को सुपरस्टार समझती है!” – रिटायर्ड बाप का डिप्रेशन या ईगो?
दीपक को लगता था कि:
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राधिका की वजह से उसे ताने सुनने पड़ते हैं
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बेटी की कमाई अब घर चला रही है
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वो अब घर में ‘बॉस’ बन गई है
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और बस… एक दिन गुस्से में उसने सबकुछ खत्म कर दिया
पुलिस ने पाया कि दीपक 15 दिन से अवसाद में था, घर में किसी से ढंग से बात तक नहीं कर रहा था।
चाचा ने दर्ज कराया केस, ताऊ ने मांगी फांसी की सज़ा
चाचा कुलदीप यादव ने FIR दर्ज कराई और बताया कि घटना के समय घर में दीपक, मंजू (पत्नी) और राधिका थे।
घटना के तुरंत बाद कुलदीप और उनका बेटा पीयूष राधिका को अस्पताल ले गए, लेकिन चार गोलियां बहुत भारी पड़ीं।
वहीं, ताऊ विजय यादव ने कहा कि दीपक को फांसी दी जाए, ताकि “एक मिसाल बने।”
बेटी की लोकप्रियता बनी पिता के ‘स्वाभिमान’ पर वार
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राधिका का म्यूजिक वीडियो
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सोशल मीडिया फॉलोइंग
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कोचिंग की पहचान
ये सब दीपक के “मैं बाप हूं” वाले अहंकार को चुभता रहा।
पुलिस भी मानती है कि ये “सम्मानजनक हत्या” (honor killing) का एक twisted रूप हो सकता है।
हत्या की सुबह: रसोई में खून, ड्राइंग रूम में रिवॉल्वर
घटना सुबह करीब 10:30 बजे हुई।
राधिका की मां भी उस वक्त घर में थी, लेकिन शायद इतना भी कुछ समझने से पहले ही सब कुछ खत्म हो चुका था।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक चारों गोलियां बेहद करीब से मारी गई थीं।
कोर्ट से भेजा गया न्यायिक हिरासत में
दीपक यादव की पुलिस हिरासत की मियाद पूरी होने पर कोर्ट में पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अब पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि रिवॉल्वर में कितनी गोलियां भरी थीं और कितनी चलाई गईं।
भाई ने दी मुखाग्नि, गांव में पसरा मातम
राधिका यादव का अंतिम संस्कार शुक्रवार को वजीराबाद गांव में किया गया। भाई धीरज यादव ने मुखाग्नि दी, और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। जिन हाथों ने कभी बहन की रैकेट पकड़ी होगी, आज उन्हीं हाथों ने चिता को आग दी।
बेटी की उड़ान बर्दाश्त न कर सका पिता का ईगो
राधिका की हत्या सिर्फ एक परिवार का निजी मामला नहीं, बल्कि उस सामाजिक सोच पर तमाचा है जो बेटी की तरक्की से डरती है।
दीपक यादव जैसे पिता ये भूल जाते हैं कि बेटी की सफलता पिता की हार नहीं, जीत होती है।